सत्तू है जहां तंदुरुस्ती है वहां, इन बीमारियों में है रामबाण, जानिए…

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ज्यादा होता है प्रोटीन, और भी होते हैं पोषक तत्व

बीकानेर। कोरोना के इलाज में सबसे ज्यादा आवश्यकता प्रोटीन की होती है। सत्तू में किसी भी खाद्य पदार्थ के मुकाबले सबसे ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है। आयुर्वेद चिकित्सकों के मुताबिक सत्तू में भरपूर मात्रा में प्रोटीन के साथ ही फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीज और मैग्नीशियम जैसे कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं।

शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए सत्तू एक पौष्टिक आहार माना है। बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल में सत्तू काफी प्रचलित है। यह भुने हुए चने, जौ और मक्का को पीसकर तैयार किया जाता है। ज्यादतर लोग गर्मियों में सत्तू का प्रयोग पेय पदार्थ के रूप में करते है।

इन समस्याओं से मिलती है मुक्ति : सत्तू मोटापा जैसी गंभीर बीमारी को नहीं पनपने देता। आंख के नीचे काला घेरा रोकने और पेट की आंतों के लिए काफी लाभदायक है। गर्मी में लू और डिहाइड्रेशन से बचाता है। पाचन शक्ति को मजबूत करता है। मधुमेह रोगियों के लिए अत्यंत फायदेमंद है। हाई कोलेस्ट्राल को रोकता है। दिल से जुड़ी बीमारी, थकान मिटाने और बच्चों के विकास में लाभदायक है।

ऐसे कर सकते हैं उपयोग :

सत्तू का शरबत बनाकर पी सकते हैं।
लिठ्ठी चोखा या पराठा बनाकर खा सकते हैं।
घर में आसानी से कचौरी बना सकते हैं।
स्वादिष्ट लड्डू बनाकर सेवन कर सकते हैं।

ऐसे बढ़ाएं स्वाद

सत्तू वैसे तो अपने आप में स्वादिष्ट होता है। गर्म सत्तू की सुगंध भी मन को खूब भाती है। फिर भी स्वाद के लिए गर्मियों में लोग इसमें प्याज, मिर्च, मूंगफली दाना और जीरा पाउडर मिलाकर पौष्टिकता बढ़ाने के साथ जायकेदार बनाते हैं।

नोट :- स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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