बाजरा बढ़ाता है शरीर की प्रतिरोधात्मक क्षमता, रखता है गंभीर रोगों से दूर

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Millet enhances the body's immunity, keeps away from serious diseases

बाजरे के बिस्किट, कुरकुरे, केक व मफिग्ंस सहित कई उत्पादों में उपलब्ध

गृह विज्ञान कॉलेज की अनूठी पहल, बाजार में उतारने की तैयारी

बीकानेर। रेतीली धरती पर उगने वाला बाजरा शरीर की प्रतिरोधात्मक क्षमता को बढ़ाता है। बाजरे के रोजाना आहार में शामिल करने पर यह विभिन्न गंभीर रोगों से दूर रखने में कारगर साबित हो रहा है। बाजरे के बिस्किट, कुरकुरे, केक, मफिंग्स, खाकरा सहित कई उत्पाद भी अब सामने आने लगे हैं।

गृह विज्ञान कॉलेज की अधिष्ठाता डॉ. विमला डुकवाल के मुताबिक शुष्क क्षेत्रीय उत्पाद शरीर की प्रतिरोधात्मक क्षमता में बढ़ोतरी करते हैं। बाजरा पर शोध किया तो यह सामने आया है कि इसका सेवन काफी लाभप्रद है। यह शरीर की प्रतिरोधात्मक क्षमता को बढ़ाता है। बाजरे की फसल पूरी तरह से ऑर्गेनिक है। इसमें प्रोटीन, आयरन, फेट व फाइबर ज्यादा होता है। जिससे यह कैंसर, बीपी, मोटापा जैसी अन्य बीमारियों से शरीर को बचाए रखने में काफी कारगर साबित होता है। उन्होंने बताया कि शरीर में जो टोक्सीन बनते हैं, बाजरा उन्हें खत्म करता है और शरीर की प्रतिरोधात्मक क्षमता बढ़ाता है। प्रत्येक को अपने क्षेत्र में होने वाली धान और अनाज की फसलों को आहार में शामिल करना चाहिए। प्रदेश में रहने वाले लोगों को रोजाना अपने आहार में बाजरे को शामिल करना चाहिए।

कोरोना महामारी के दौरान शहरी क्षेत्रों में कोविड-19 वायरस का प्रभाव ज्यादा देखने को मिला है। सुदुर ग्रामीण क्षेत्रों में इस महामारी का प्रभाव काफी कम नजर आया है। इसकी वजह भी विशेषज्ञ बाजरा सहित शुष्क क्षेत्रीय क्षेत्र में होने वाली फसलों का उपयोग मानते हैं। डॉ. डुकवाल के अनुसार प्रदेश में बहुत से लोग अपने भोजन में बाजरे का उपयोग कर रहे हैं। गर्मियों में बाजरा युक्त राबड़ी का उपयोग बहुत किया जाता है। बाजरे से बनी इस राबड़ी में विटामिन बी के साथ अन्य खनिज होते हैं। जो शरीर में हिमोग्लोबिन बढ़ाते हैं। इसी प्रकार यहां बाजरे का खीचड़ा भी आहार के रूप में उपयोग लिया जाता है। इसी वजह से यहां के लोगों में प्रतिरोधात्मक क्षमता काफी है।

डॉ. डुकवाल ने बताया कि गृह विज्ञान कॉलेज में बाजरे के बिस्किट, केक, खाकरे, कुरकुरे, मफिग्ंस आदि उत्पाद शुद्ध देशी घी से बनाए जा रहे हैं। साथ ही कॉलेज में स्थित प्रशिक्षण केन्द्र में महिलाओं को इन उत्पादों को बनाए जाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। जल्दी ही बाजरे से बने इन उत्पादों को बाजार में भी उपलब्ध कराया जाएगा। फिलहाल इन उत्पादों के प्रति आमजन में काफी रूझान नजर आ रहा है।

सांगरी, केर, करोंदा व खजूर भी बढ़ाते हैं इम्यूनिटी

बाजरा ही नहीं बल्कि शुष्क क्षेत्रीय क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले सांगरी, केर, काचरी, करोंदा, मोठ व खजूर भी शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाते हैं। गृह विज्ञान कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. ममतासिंह के मुताबिक शुष्क क्षेत्र में होने वाले सांगरी, काचरी, केर, करोंदा, मोठ व खजूर जैसे खाद्य पदार्थ भी शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में बहुत कारगर हैं। इनको रोजाना आहार के रूप में शामिल करने पर शरीर की प्रतिरोधात्मक क्षमता में वृद्धि होती है। करोंदा आदि से जैली, माउथ फ्रेशनर आदि उत्पाद बनाए जा रहे हैं। इसी प्रकार मोठ से भी विभिन्न उत्पाद बना कर आमजन को उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।

#Kamal kant sharma/Bhawani joshi www.newsfastweb.com

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