रविवार सुबह 6 बजे से पेट्रोल पंप संचालकों की हड़ताल, पंपों पर जुटी भीड़

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Petrol pump operators strike from 6 am on Sunday, crowd gathered at the pumps

वैट अधिक होने के कारण प्रदेश में महंगा है पेट्रोल और डीजल

लोकसभा चुनाव से पहले सरकार पर दबाव बनाने की कवायद

बीकानेर। प्रदेश में पेट्रोल पंप संचालकों ने फिर से हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है। कल यानि रविवार से प्रदेश के पेट्रोल पंप संचालकों ने हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। राज्य में मोदी की गारंटी के बाद भी पेट्रोल-डीजल पर वैट कम नहीं करने सहित अन्य मांगों के समर्थन में प्रदेश के पेट्रोल पंप संचालकों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है। इस निर्णय के साथ ही प्रदेश में पेट्रोल-डीजल के लिए फिर से मारामारी मचने लगी है।

पेट्रोल पंप संचालकों की घोषणा के बाद प्रदेश के कई जिलों में पेट्रोल पंपों पर गाडिय़ों में पेट्रोल-डीजल भरवाने के लिए लोग जुटने लगे हैं। दूसरी तरफ जानकार लोग इस हड़ताल को लोकसभा चुनाव को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की कवायद के रूप में देख रहे हैं।


गौरतलब है कि कि 8 मार्च को राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के कार्यकारिणी सदस्यों ने एक वर्चुअल बैठक आयोजित की थी। इस बैठक में पेट्रोल-डीजल पर वैट कम नहीं करने सहित ऑयल कंपनियों द्वारा पिछले 7 सालों से डीलर कमीशन में बढ़ोतरी नहीं करने और ल्यूब ऑयल एवं प्रीमियम प्रॉडक्ट की जबरन आपूर्ति करने को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में सभी जिलों के अध्यक्ष, सचिव और आरपीडी, कार्यकारिणी उपस्थित थे। बैठक में चर्चा के बाद यह प्रदेशव्यापी हड़ताल करने की घोषणा की गई। यह हड़ताल कल यानि की रविवार सुबह 6 बजे से शुरू होकर 12 मार्च की सुबह 6 बजे तक रहेगी। इस दौरान प्रदेश का कोई भी डीलर किसी भी प्रकार की खरीद-बिक्री नहीं करेगा। वहीं दूसरी ओर आमजन में इस हड़ताल को लेकर काफी असमंजस की स्थिति देखी जा रही है। कुछ लोगों का मानना है कि पेट्रोल-डीजल व्यवसायी अपना हित देख रहे हैं लेकिन आमजन को इससे होने वाली परेशानियों की अनदेखी कर रहे हैं।

वैट अधिक होने के कारण राजस्थान में महंगा है पेट्रोल-डीजल


पिछले सात साल में सरकार की ओर से डीलर कमीशन नहीं बढ़ाने व पड़ोसी राज्यों से वैट बहुत ज़्यादा होने से राजस्थान में पेट्रोल-डीज़ल बहुत महंगा है। जिससे आमजन को महंगा ईंधन खऱीदना पड रहा है। इसके साथ ही राजस्थान में पेट्रोल-डीजल की कीमत अन्य राज्यों की बजाय अधिक होने से राज्य की बिक्री पड़ोसी राज्यों में जाने से डीलर के सामने भी अपने व्यवसाय को बचाने की चुनौती खड़ी हो गई है।

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